जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड

जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड (1919)


➤ महात्मा गाँधी की गिरफ्तारी से जनता में और अधिक उत्तेजना फ़ैल गई ! अंग्रेजी सरकार ने भारतियों के विद्रोह को दबाने के उद्देश्य से अमृतसर के दो प्रसिद्ध नेताओं, डॉ. किचलू एवं डॉ सत्यपाल, को गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर भेज दिया ! इससे विद्रोह शांत होने के बजाय और भड़क उठा ! जब भीड़ अपने नेताओं के सम्बन्ध में जानकारी हासिल करने जिला मजिस्ट्रेट की कोठी पर आ गई तो सैनिक अधिकारियों ने भीड़ पर गोली चला दी ! गोली से दो व्यक्ति मारे गए ! उत्तेजित भीड़ ने एक बैंक में आग लगाकर वहां के अंग्रेज मैनेजर की हत्या कर दी ! 10 अप्रैल 1919 को अमृतसर का शासन सैनिक अधिकारियों को सौंप दिया गया ! 13 अप्रैल वैशाखी के दिन अमृतसर के जलियाबाला बाग में भारतियों द्वारा एक आम सभा का आयोजन किया गया ! जब सभा चल रही थी तब अंग्रेज जनरल डायर ने उसे गैर क़ानूनी घोषित कर भीड़ पर बिना चेतावनी दिये गोली चला दी जिसमे लगभग 400 व्यक्ति मारे गए तथा 2000 आसपास घायल हुए ! किन्तु वास्तव में मरने वालों व घायलों की संख्या उससे कहीं अधिक थी ! भारतीय इतिहास में यह घटना जलियाँबाला बाग हत्याकाण्ड के नाम से प्रख्यात है ! इस घटना से अंग्रेज और भारतियों के बीच वैमनस्यता और अधिक बढ़ गई ! इस घटना का सम्पूर्ण भारत पर असर पड़ा !
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Milan Tomic

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